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Saturday, 9 April 2016

हिंदी शायरी

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी,इतनी चाहत के बाद जो मेरा हुआ वो ओरो का क्या होगा।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है ,
ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।
मुस्कान का कोई मोल नहीं होता ,
रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर रस्ते पर ,
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता।
जो बदनाम थे कल तक, आज वो सुखनवर हो गए
जो थे कल तक बाहर, आज दिलों के अंदर हो गए
हम तो आज भी एक कतरा हैं रुके हुए पानी का,
पर लोग देखते ही देखते, कतरे से समंदर हो गए
ना तस्वीर है उसकी की दीदार किया जाये , ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये,
यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने , ना उससे कुछ खा जाये , ना उसके बिन रहा जाये।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है , ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग, हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।
क़यामत टूट पड़ती है,
ज़रा से होंठ हिलने पर !
जाने क्या हस्र होगा,
जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे

मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने
पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है

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