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Tuesday, 28 June 2016

Zade Lava Zade Jagva (झाडे लावा झाडे जगवा)

वृक्षवल्ली आम्हा सोयरे फक्त म्हणायचे  

जेव्हा मानवाने ह्या जमिनीवर पहिलं पाऊल ठेवलं, तेव्हापासूनच निवाऱ्याकरिता मानवाने वृक्षतोडीस सुरुवात केली. विविध कारणांसाठी केली जाणारी ही भरमसाट वृक्षतोड आता इतकी वाढली आहे कि यामुळे जंगलेच नष्ट होतात कि काय अशी परिस्थिती निर्माण झाली आहे. ह्या वृक्षतोडीमुळे पर्यावरणाचा समतोल ढासळू लागला आहे. वातावरणाच्या तापमानात वाढ झाल्याने त्याचा विपरीत परिणाम मानवी आरोग्यावरही व्हायला लागला आहे.

वृक्षतोडीमुळे जल, स्थल आणि वायूप्रदूषणही वाढले आहे. मानवाने जंगलांवर कब्जा केल्याने वन्य प्राण्यांचे अस्तित्व धोक्यात आले आहेच, मात्र पावसाचे प्रमाणही कमी झाले आहे. मानवाला पिण्यायोग्य पाण्याचा मुख्य स्त्रोत ‘पाऊस’ असल्याने दुष्काळाची समस्या जाणवू लागली आहे. प्रदूषणामुळे बहिरेपणा, डोळ्यांचे विकार, श्वसनाचे आजार, हृदयविकार अशा आजारांत वाढ झाल्याचे चित्र बघायला मिळते 

जगण्यासाठी जग लागतं
झाडे लावा !!, झाडे वाचवा!! , झाडे जगवा आणि पृथ्वीला वाचवा !!!!

तरच तुम्ही वाचाल.                                 
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Saturday, 25 June 2016

Tuesday, 21 June 2016

Thursday, 16 June 2016

Monday, 13 June 2016

CHIDIYA (BIRDS KAVITA)

चिडियारानी


Sunday, 8 May 2016

Saturday, 7 May 2016

Tuesday, 12 April 2016

Saturday, 9 April 2016

हिंदी शायरी

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी,इतनी चाहत के बाद जो मेरा हुआ वो ओरो का क्या होगा।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है ,
ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।
मुस्कान का कोई मोल नहीं होता ,
रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर रस्ते पर ,
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता।
जो बदनाम थे कल तक, आज वो सुखनवर हो गए
जो थे कल तक बाहर, आज दिलों के अंदर हो गए
हम तो आज भी एक कतरा हैं रुके हुए पानी का,
पर लोग देखते ही देखते, कतरे से समंदर हो गए
ना तस्वीर है उसकी की दीदार किया जाये , ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये,
यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने , ना उससे कुछ खा जाये , ना उसके बिन रहा जाये।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है , ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग, हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।
क़यामत टूट पड़ती है,
ज़रा से होंठ हिलने पर !
जाने क्या हस्र होगा,
जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे

मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने
पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है

गरीब माँ बाप की बेटी


Thursday, 7 April 2016

दिल‬ होना चाहिए

दिल‬ होना चाहिए जिगर होना चाहिए,
आशिकी के लिए हुनर होना चाहिए,
नजर से नजर मिलने पर ‪‎इश्क‬ नहीं होता,
‪नजर‬ के उस पार भी एक असर होना चाहिए।।

Wednesday, 6 April 2016

दोस्ती की शायरी


एक असते शेतकरी

शेतकऱ्यांच्या पोरांना शेतकरी बददल कविता वाचा आणि Share करा

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